🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

सिरे मन्दिर ’ - नामकरण

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सिरे का अर्थ है - - श्रेष्ठ , ऊँचा , शीर्ष , प्रथम प्रवाद प्रचलित है कि सं . 1860 में इस स्थान के पुजारी आयस देवनाथ के माध्यम से प्राप्त श्री जालंधरनाथ । की भविष्यवाणी - अनुस्यूत्त आशीर्वाद से मानसिंह को मारवाड़ का राज्य मिला था । इस ' चमत्कार ' से वे सदैव के लिए ‘ नाथमय ' ही हो गये और यह स्थान उनके लिये “ सर्वस्व ' बन गया । इसी भाव को दृष्टिगत रखकर म . मानसिंह ने इस मन्दिर का यह नामकरण कर ‘ सिरे ' के अर्थ को साकार किया । उन्होंने अपनी इस चमत्कारी आध्यात्मिक शरण स्थली के प्राचीन कलेवर को विस्तृत आकार प्रदान कर इसे कलात्मक परिधान पहनाने का अक्षय श्रेय लिया