🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

16 . कीर्तिपाल

16 . कीर्तिपाल : . . . श्रीसगतसिंह अपने शोध - निबंध ‘ राजस्थान का एक प्रसिद्ध दुर्ग — जालोर ' में लिखते हैं कि कीतू ( कीर्तिपाल ) के विषय में दंतकथा है कि जालंधरनाथ योगी ने इसको पारसमणि दी थी , जिससे स्वर्ण बनाकर इसने जालोर दुर्ग बँधवाया । यह भी कहा जाता है कि वह ब्राह्मणों को सवा सेर सोना प्रतिदिन दान में देता था ।
कीर्तिपाल नाडोल के चौहान शासक आल्हण और उसकी रानी आनलदेवी का तीसरा ( सबसे छोटा ) पुत्र था । शूरवीर होने के साथ यह अत्यन्त महत्त्वाकांक्षी था और इसने जालोर के तत्कालीन परमार राजा कुन्तपाल को परास्त कर वहाँ चौहान - वंश का राज्य स्थापित किया , जो आगे चलकर ‘ सोनगरा चौहान ' कहलाये । यह घटना वि . सं . 1238 के लगभग हुई । सुंधा के शिलालेख में कीर्तिपाल के लिए प्रचण्ड प्रताप की निवास - भूमि , शत्रु - राजाओं की सेना रूपी दावाग्नि को प्रशमित करने के लिए घन - घटा , विद्वानों के लिए चिन्तामणि - रत्न ' जैसे उपमानों का जयमंगलाचार्य ने प्रयोग किया है । नैणसी के शब्दों में ‘ कीतू वडो रजपूत हुवो । कीर्तिपाल की शिव - भक्त पुत्री रूदल देवी ने भी जालोर में दो शिव - मंदिरों का निर्माण करवाया