36 . गौड़ रामसिंह : मालवा में बहने वाली काली सिंध नदी में डूबते हुए अपने भक्त रामसिंह गौड़ को उसकी बाँह पकड़कर श्रीजलंधरनाथ ने बचाया । चारण चैना लिखता है
नद काळी सिंध माळव धरा , डूबंत नीर पुकारियो । गह बांह रामसिंघ गौड़ नै , तटै सिधांपत तारियौ । । 5 । । सिद्धपति के इस ‘ परचे ' की ओर सवळा लाळस भी संकेत करता है - | गोड़ उद्धारे रामसिंघ काळी सिंघ ऊपर ।
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