39 . धरमसी सोनी : | श्रीजलन्धरनाथ ने अपने इस भक्त के यहाँ अन्न - धन के भंडार भर दिया । जिन्हें उसने गरीब याचकों में बाँट कर यश कमाया - | धरमसी नाम सोनी तणे , अन धन लंगर वंटिया । । 7 । । चारण चैनिया विरचित ' जलन्धरनाथ स्तुति ' में उपर्युक्त संक्षिप्त कथन जैसा संकेत सबळा लाळस ने भी अपनी ‘ निसांणी ' में दिया है । सोनी धरमसी रे घरे बनटाणा लंगर
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