#योगिराज श्री गणेश नाथजी महाराज #श्री जलन्धरनाथ पीठ सिरेमंदिर के पाचवे पीठाधीश श्री पूर्णनाथजी महाराज के प्रथम शिष्य श्री केशर नाथजी महाराज जो उनके बाद सिरेमन्दिर के पीठाधीश बने । #द्वितीय शिष्य श्री गणेश नाथजी महाराज का परिचय #श्री गणेश नाथजी महाराज का जन्म -स्थान सीपरवाडा गांव, तहसील आहोर जिला जालौर था, यहाँ के एक संत परिवार में आपका जन्म हुआ था, बचपन से ही आपको सात्विक वातावरण मिला युवावस्था प्राप्त होने पर आपने श्री भैरुनाथजी के पट्ट-शिष्य श्री पूर्णनाथजी से सिरेमंदिर आकर दीक्षा ले ली । आप योग और तंत्र-शास्त्र में पारंगत थे, बड़ी ही मस्त प्रकृति के त्यागी योगी थे आप, भक्तों से जो भी भेंट आती, उसे आप बच्चों और गरीबो में बाट देतें, अपनी सन्यास - अवस्था आपने रमते घूमते ही बिताई, आप अपने पास हर समय एक लकड़ी की बंदुक रखते थे, जिससे सभी आपको " बंदूक वाले बाबा " के नाम से पुकारते थे । आपने वि.स. 2011, वैशाख वदि 9 के दिन, गांव भागली #जूनी_भागली जिला जालौर जहाँ पर गणेश नाथजी महाराज तपस्या करते थे, जलंधरनाथजी महाराज के मंदिर के पास ही आपने जीवित समाधी ले ली थी । #भागली जहाँ पर श्री केशर नाथजी महाराज ने तपस्या की थी, एवं पिरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज की जन्म लिया था, इस भूमि को कहीं साधु संतों ने अपने चरण कमलों से पवित्र बनाया #संग्रह_एवं_लेखन :- #श्री_शान्तिनाथजी_टाईगर_फोर्स_संगठन_भारत #समाधी स्थल #जूनी भागली
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