🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

पालका गुरुजी बोले कालको !

पिरजी श्री शान्तिनाथजी की महिमा गुरु भक्त वेदराज जी की जुबानी :-

सन 1988 में मेरी आयुर्वेदिक सरकारी डॉक्टर की नोकरी लगी, तब सबसे पहले मेरी ड्यूटी सामतीपूरा गांव में लगी, एक दिन सुबह सुबह सामतीपूरा सरपंच ओखराम जी चौधरी हाथ मे दूध की भरणी लिए राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय में पट्टी करवाने आये, पट्टी करने के बाद मैने उनसे पूछा दूध की भरणी लेकर कहां जा रहे हो, ओखजी ने कहां की मेरे गुरुदेव का बद्री केदारनाथ जैसा सिरेमन्दिर धाम है, वहाँ मेरे गुरुदेव पिरजी महाराज विराजे हुए है, उनको दूध पिलाने जा रहा हूं ।

मैने ओखजी से कहा कि बद्री केदारनाथ जैसा सिरेमन्दिर है, तो मुझे भी दर्शन करना है,   मे भी रवाना हो गया उनके में दर्शन करने के लिए, उस दिन मेने पहली बार सिरेमन्दिर और पिरजी महाराज के दर्शन किये थे ।

विक्रम सवंत 2023 सामतीपुरा में भोला नाथजी महाराज के सोमासा के बाद सदाराम जी चौधरी और हरजी बा माली बेरा पिथजी इन दोनों ने भोलानाथजी महाराज को 15 से 18 वर्ष तक दूध पिलाया और श्री शान्तिनाथजी महाराज को ओखजी चौधरी और लखाराम जी माली ने विक्रम सवंत 2026 से ईस्वी सन 2012 तक गुरुजी के देवलोक गमन तक दूध पिलाया, श्री गंगानाथजी महाराज के गादी पर विराजमान होने पर आज भी ओखजी और लकमाजी माली हर सोमवार को सिरेमन्दिर या भैरु नाथजी अखाड़ा में दूध पिलाने जाते है ।

उसके बाद जब भी मुझे समय मिलता में सिरेमन्दिर जाता रहता, सन 1989-90 से तो हर सोमवार को सिरेमन्दिर दर्शन करने जरूर जाता हूं, जालौर से बाहर जाने के कारण, घर काम या सरकारी काम के कारण कभी कभार सोमवार छोड़ा होगा, सभी को हर सोमवार सिरेमन्दिर अवश्य जाना चाहिए ।

एक बार ओखजी, लकमाजी और में सिरेमन्दिर जा रहे थे, बरसात का समय था, जवाई नदी में फूल पानी बह रहा था,  तो हम पैदल सामतीपूरा से खेड़ा, खड़िया बेरा के पास आये, जहाँ केशर नाथजी महाराज की तपोस्थली है, वहाँ से रेलवे पुल से नदी पार कर जालौर से सिरेमन्दिर पहुँचे और पूज्य गुरु महाराज पिरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज को दूध पिलाया, गुरु महाराज को दूध पिलाने के बाद दाल, बाटी, चूरमा खाने के बाद झालरा में कूदकर स्नान किया, और शाम को घर आये ।

एक छोटी सी यादगार कहानी :-

एक बार मेने जालौर से गुरु महाराज के लिए पालक खरीदकर ले गया, सामतिपूरा गया और लकमाजी के बेरे पर रख दिया, दूसरे दिन सोमवार को हम तीनों पालक लेकर सिरेमन्दिर गये, पूज्य गुरुदेव शान्तिनाथजी महाराज सिरेमन्दिर विराजे हुए थे, गुरुदेव जी को दूध पिलाने के बाद पालका कि सब्जी ओर दाल रोटी बनाया, उस समय चूल्हा केशर नाथजी की धूणी के पास था, भण्डारे का निर्माण कार्य चल रहा था ।

गुरुजी को भोमाराम नरसाणा ने पालका परोसा,
गुरुजी बोले क्या है ? ओखजी बोले गुरुजी पालको
गुरुजी बोले कालको !
हम लोग हँस हँस के गदगद हो गए ।

पिरजी महाराज हँसी मजाक भी बहुत करते थे, पिरजी महाराज कभी कभी ये वाक्य फरमाते थे ।

#धणी रे धणी म्हारा धुंधला धणी !
             थे नी वो तो म्हारे बाजरी घणी !!

पर्चा :-
कच्छ भुज में आये भूकम्प से 10 -15 दिन पहले ही पूज्य गुरु महाराज ने भुज की प्रलय का संकेत दे दिया था, एक दिन गुरु महाराज ने फरमाया था, की जैसल जाडेजा और तोली कटियानी की समाधि जो नगर अंजार भुज में है, दोनों एक होते ही भुज में भयंकर प्रलय आएगी, जो सत प्रतिशत सही हुआ, भुज में भूकम्प आया ।

मेरे जीवन मे गुरुजी का सानिध्य 22 वर्ष का सुनहरा गोल्डन पीरियड रहा, उनके सानिध्य में रहकर मेने अनेक समत्कार और घटनाये देखी और सुनी, पिरजी महाराज के बहुत से सोमसो में साथ रहा, चतुर्थमार्च के दौरान आने और जाने के जुलूस में खुद आनन्द आता था, पिरजी बावसी का सानिध्य पाकर में धन्य हो गया, मेरा जीवन सफल हो गया ।
#गुरु_भक्त_वेदराज_जी_जालौर

संकलन :-
जोरावत भंवरसिंह भागली
श्री शान्तिनाथजी टाईगर फोर्स संगठन भारत

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