🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

, उसमे जोगेश्वर की जीत हुई थी, और रामलाल जी हार हुई

पिरजी महाराज को जिसने समझा उसका जीवन सफल हो गया_

पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज साक्षात भगवान शिव के अवतार थे, उनके मुखारबिंद से आशीर्वाद  के वचन जो निकल जाते वे सौ प्रतिशत वचन पूर्ण सही हो थे, पिरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज जब तक इस पृथवी लोक पर रहे, तब तक कई लोग उनको समझ ही नही पाएं, किसी ने भाई, तो किसी ने दादा, किसी ने सगा सम्बन्धी, तो किसी ने केवल साधु ही समझा, और जब समझ मे आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी, जिसने भी समझा, उनका तो जीवन ही धन्य हो गया ।

#डा_वेदराज_जी_जालौर पिरजी बावसी के परम भक्त है, वे पिरजी बावसी की चरणों मे बहुत वर्ष रहे, उन्होंने पिरजी बावसी के कई समत्कार और लीलाएं देखी, ऐसे ही कुछ समत्कार डा. वेदराज जी ने साझा किए है, जिसका वर्णन में यहाँ कर रहा हूँ ।

सन 1992 आसोज नवरात्रि के एक दिन पहले में सिरेमन्दिर गया, गुरु महाराज सिरेमन्दिर ही विराजे हुए थे, गुरुजी को हल्का बुखार था, रात्रि का समय था, दवा लेने के बाद गुरुजी फरमाये, #म्हारे_पास_ही_सोवजे #म्हे_कियु_जी_गुरुजी  रात को सपने में मुझे काला पक्षी बाज दिखा, में डर गया और जोर से चिल्लाया, गुरु महाराज जागे और बोले  #कोई_है_कुकीया_क्यो_करे_है मैंने गुरु जी से बोला कि मुझे सपने में काले रंग का बाज दिखा, गुरुजी बोले सोजा ।

प्रातः काल का सूर्योदय हुआ आरती हुई, पिरजी बावसी अपने आसन पर जाकर बिराजे ही थे, की इतने में जोगेश्वर जी गर्ग आ आये, दाता को नमस्कार किया, दाता फ़रमाया आज वेगा आया, जोगेश्वर जी बोले, बावसी म्हारे MLA रो फार्म भरणो है, #आपरौ_आशीर्वाद_लेन_फॉर्म_भरणो_है_दाता, दाता फरमाया #खोटा_कर्म_में_पोती_मत_राखजे_थारे_हाँवल_वेई, इतनी वार्तालाप के बाद जोगेश्वर जालौर के लिए रवाना हो गये ।

जोगेश्वर जाने के बाद रामलाल जी रेवतड़ा वाले आये, आते ही जोर से बोला, #दाता_म्हारे_MLA_रो_फॉर्म_भरणो_है_आपरौ_आशीर्वाद_चाहिजै, गुरुजी फरमाया #क्यो_कुकीया_करें_आशीर्वाद_तो_दी_दो, रामलाल जी आस पास बैठे लोगों से पूछा बावसी ने किसको दिया आशीर्वाद, आस पास बैठे लोगो ने बोला कि जोगेश्वर जी को दिया है, यह घटना सन 1992 नवरात्रि की है, थोड़े दिनों के बाद चुनाव हुए थे, उसमे जोगेश्वर की जीत हुई थी, और रामलाल जी हार हुई थे 

उसी दिन रात को 9 बजे दाता मेरे से बोले, तू अभी तक घर नही गया, मैंने कहां गुरुदेव में सिरमन्दिर ही फलाहार नवरात्रि कर रहा हूँ, दाता फरमाया #थारा_नोरता_अठे_कोन_होवे, दूसरे दिन नवरात्रि की उजाली दूज को सुबह गुरुजी फरमाया घर जाओ, जैसे ही में जालौर आया, मेरे पिताजी के देवलोक होने का तार आया में तुरन्त दिल्ली गया, नवरात्रि की अष्ठमी हरिद्वार के गंगा घाट पर हुई, गुरुजी का वचन सत्य हुआ, ऐसे वचन सिद्ध महात्मा पूज्य गुरुदेव पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज थे,  सूक्ष्म शरीर मे आज भी भक्तो को दर्शन देते है ।
#डॉ_वेदराज_जी_जालौर

हे भगवन ! आपकी महिमा निराली है, आपको वही जान सकता है, जिन्हें आप ही जनवा ले, और जो आपको जान लेता है, वह आप में समा जाता है ।

हे साधू सन्तों में श्रेष्ठ, हे ज्ञानियो में अग्रणीय, हे सिद्धो के सिद्ध, हे नाथों के नाथ, मुझ अंकिचन अज्ञानी का प्रणाम स्वीकार करें, मेरी आपसे विनंती है, कि आपके इस जन्म का वृतान्त जो की आपके मुख से सुना है, उसका वर्णन करने की आज्ञा प्रदान करने की कृपा करावें, मुझ अज्ञानी को आपकी महिमा लिखने की शक्ति प्रदान करें ।

#जोरावत_भंवरसिंह_भागली
#श्री_शान्तिनाथजी_टाईगर_फोर्स_संगठन_भारत

Post a Comment

0 Comments