#श्याम_नाथजी का परिचय :-
#श्री जलंधरनाथजी पीठ सिरेमन्दिर के पीठाधीश श्री श्री 1008 श्री गंगानाथजी महाराज के शिष्य श्री श्याम नाथजी महाराज का कल भैरु नाथजी अखाड़ा जालौर में देवलोकगमन हुआ, उनकी आयु 40 वर्ष के लगभग थी ।
#श्याम नाथजी महाराज का जन्म गांव ओटवाला जिला जालौर दहिया राजपूत परिवार में हुआ था, पिता नाथू सिंह जी एवं माता स्वरूप कंवर के चार संतानों में सबसे छोटे थे, भाई राम सिंह जी, पहाड़ सिंह जी एवं बहिन तारी बाई के लाडले थे, उनका ननिहाल गांव में ही जुहार सिंह जी राठौड़ के घर पर था ।
#नाथू सिंह जी के विवाह के कई वर्ष बीत जाने पर उन्हें कोई संतान नही हो रही थी, तब उन्होंने संतान प्राप्ति हेतु सिरेमन्दिर जाकर श्री जलंधरनाथजी महाराज से मन्नत मांगी, और कहा कि अगर आपने मेरी इच्छा पूर्ण कर दी तो मेरा एक पुत्र आपकी चरणों मे भेट कर दूंगा, नाथजी महाराज ने भक्त की इच्छा पूर्ण कर दी, जलंधरनाथजी महाराज की कृपा से नाथू सिंह जी के घर तीन पुत्र और एक पुत्री का जन्म हुआ ।
#श्री जलंधरनाथजी महाराज को दिए वचन के अनुसार नाथू सिंह जी ने अपनेे छोटे पुत्र चैल सिंह को सिरेमन्दिर जाकर पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज की सेवा में भेट कर दिया, लेकिन चेल सिंह की भक्ति में रुचि नही थी, सो वापस गांव आ गए, ऐसे कई बार हुआ, घर वाले उन्हें सिरेमन्दिर लेकर जाते लेकिन चेल सिंह जी उनसे पहले ही घर आ जाते, आखिर में अपनी मर्जी से ही 30 वर्ष की आयु में पीरजी बावसी की सेवा में हाजिर हुए, उन्होंने अपना ज्यादातर समय गांव में ही बिताया, गांव में लोग उन्हें #भक्त नाम से ही संबोधित करते थे ।
#चैल सिंह जी बड़े भाग्यशाली थे, जो उन्हें परम् पूजनीय गुरु महाराज पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज का पौत्र शिष्य होने का शोभाग्य मिला
#पिरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज के आज्ञानुसार श्री गंगानाथजी महाराज ने उनको भगवा भेख देकर श्याम नाथ नाम रखा, दस वर्ष के लगभग श्याम नाथजी ने सिरेमन्दिर एवं अखाड़े में सेवा कर नाथजी महाराज की भक्ति कर पुण्य फल पाया, सरल स्वभाव के श्याम नाथजी हमेशा अपनी धुन में मस्त रहते थे, जरूरत के अनुसार ही किसी से बात करते थे, कल सोमवार को अचानक ही बीमार हुए और अपना शरीर छोड़ दिया ।
शत शत नमन
#संकलन :-
#श्री_शान्तिनाथजी_टाईगर_फोर्स_संगठन_भारत
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