🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

महंत रावत भारतीजी का जीवन परीचय ।

मठ के 19 वे महंत थे रावत भारतीजी महाराज

महंत रावत भारतीजी का जन्म ओटवाला में गोस्वामी परिवार में
जेठ सुदी 3 विक्रम सवत 2002 को हुआ था।इनके पिता का
नाम गणेश भारतीजी था।जबकि माता का नाम गंगादेवी था।
रावत भारती विक्रम सवत 2012 में मात्र 10 वर्ष की आयु में
ही शिवरात्रि के दिन 17 वे महंत फूल भारतीजी महाराज चरण
में आ गए थे। बाद में मठ में ही शिक्षा-दीक्षा सम्पन्न हुई।
विक्रम सवत 2019 में गुरु फूल भारतीजी के लकवा होने पर
रावत भारतीजी के किशोर अवस्था होने पर गुरुभाई डूंगर
भारतीजी को 18वा महंत बनाया।इसके बाद ब्रह्मलीन महंत
डूंगर भारतीजी महाराज के भंडारे के अवसर पर सन्तो व हजारो
भक्तो की उपस्थिति में मिगसर सुदी1 3 विक्रम सवत 2048
को परम्परा के अनुसार रावत भारतीजी को चादर ओढ़ाकर 19
वे महंत के पद पर आसीन किया था।


ग्रामीणों के आग्रह पर बने सरपंच

रावत भारतीजी महाराज के कुशल प्रबन्ध से ग्रामीणों ने
तत्कालीन महंत से निवेदन कर आपको ग्राम पंचायत
उम्मेदाबाद में सरपंच का चुनाव लड़ने का आग्रह किया।जिस
पर 1981 में सरपंच चुनाव में विजय हासिल कर ग्राम
पंचायत के चहमुखी विकास करवाकर मिसाल कायम की।

15 साल तक रहे संस्थान के अध्यक्ष

जालोर जिले में महन्तो की संस्थान दशनाम नवनाथ षटदर्शन
के महंत रावत भारतीजी पिछले 15 वर्षों से अध्यक्ष थे।महंतजी की
कार्य कुशलता से सभी महंत इनको अध्यक्ष बनाकर संस्थान
के कार्य करते थे।