🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

शिलालेख

सिरे मन्दिर के निर्माण और उससे सम्बन्धित अन्य सूचनाओं के संकेतक दो शिलालेख यहाँ उपलब्ध हैं । । ये दोनों शिलालेख जोधपुर के एक ही लाल पत्थर - स्तंभ पर उत्कीर्ण किए गए । हैं । शिलालेख - युक्त यह पाषाण 1 ' 2 " चौड़ा , 5 ' 2 " ऊँचा तथा 9 " मोटा है । इस पर ये दोनों शिलालेख मारवाड़ी भाषा , महाजनी शैली तथा देवनागरी लिपि में उत्कीर्णित हैं । शिलालेख क्रमांक एक की पंक्ति - संख्या 35 - 36 पर गरुड़ पुराण का संस्कृत में एक श्लोक भी उदृत है । दोनों शिलालेख सुवाच्य हैं । यह शिलालेख - पाषाण खुले में श्री रत्नेश्वर महादेव के नव - निर्मित संगमरमर के प्रवेश द्वार के भीतर घुसते ही बाईं ओर अवस्थित है और समुचित सुरक्षा के प्रबंध से रहित । हाँ , प्राकृतिक प्रकोप से बचाने के लिए इस पर सफेद ऑयल पेंट अवश्य किया गया है और अक्षरों को लाल रंग के ऑयल पेंट से भरा गया है । शिलालेख सम्बन्धी पूर्ण जानकारी नहीं होने से अनेक अक्षर गलत भी लिख दिए । गए हैं । इन शिलालेखों का परिचय इस प्रकार हैं