हस्ति - प्रतिमा : | श्रीरत्नेश्वर महादेव के प्रांगण में प्रवेश करने से पूर्व ही मार्ग के मध्य में यह हाथी की भव्य प्रतिमा अवस्थित है । यह विशालकाय प्रतिमा 21 ' ऊँची , 5 ' 6 ' ' चौड़ी और 189 " लंबी है । | यह हाथी द्विमुखी अर्थात् दो मुंह वाला है - एक मुख उत्तर की ओर तथा दूसरा दक्षिण की ओर । दोनों मुखों पर महावत वैठे हैं । उत्तरी मुख पर बैठे महावत के पीछे योगीराज श्रीजलंधरनाथ विराजमान हैं और दक्षिणी मुख पर बैठे महावत के पीछे अंग्रेजी वेशभूषा में म . मानसिंह आसीन हैं । | हाथी के पैरों के मध्य विशाल द्वार - सी आकृति बन गई है , जिसमें से भरपूर लंबा आदमी बिना झुके , आसानी से आ - जा सकता है । हाथी पर रंग - रोगन भी । किया गया है । इसका निर्माण म , मानसिंह के समय में हुआ । श्री भोलानाथजी ने सं . 2023 में इसकी मरम्मत करवाई थी । यह भव्य प्रभावोत्पादक और कलात्मक हस्ति - प्रतिमा आगन्तुकों के लिए आकर्षण - केन्द्र है ।