35 . दो डाहलिया राजपूत : ये दोनों भाई चंदेरी नगर - निवासी डाहलिया शाखा के क्षत्रिय थे , जिन्हें श्रीजलन्धरनाथ ने दर्शन देकर इनकी मनोकामना पूर्ण की - एपण नाथ तारिया , भ्रात दोय सहर चंदेरी । । ज्यां डाहलिया जात , पूर मंछा मन केरी । । 5 । । और उन्हें भव - सागर के पार उतारा । सुकवि सबळा लाळस ने भी लिखा है - दो ढाहलिया तारिया चन्देरी सेहर । ।
0 Comments