44 . रैबारी भूदर करगटा : इन्हें बकरियाँ चराते हुए श्रीजलंधरनाथ ने प्रथम बार कलशाचळ पर तथा दूसरी बार ‘ पाणिया नाड़ा ' पर दर्शन दिये । ऐसी भी जनश्रुति है कि श्रीजलंधरनाथ ने म , मानसिंह को जालोर न छोड़ने का संदेश इन्हें ही कहा था ।
44 . रैबारी भूदर करगटा : इन्हें बकरियाँ चराते हुए श्रीजलंधरनाथ ने प्रथम बार कलशाचळ पर तथा दूसरी बार ‘ पाणिया नाड़ा ' पर दर्शन दिये । ऐसी भी जनश्रुति है कि श्रीजलंधरनाथ ने म , मानसिंह को जालोर न छोड़ने का संदेश इन्हें ही कहा था ।
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