🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

एक बार नाथजी का नाम लेने की महिमा

एक बार नाथजी का नाम लेने की महिमा
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एक बार एक व्यक्ति था, वह एक संत जी के पास गया, और कहता है की संत जी, मेरा एक बेटा है, वो न तो पूजा पाठ करता है, और न ही भगवान का नाम लेता है, आप कुछ ऐसा कीजिये की उसका मन भगवान में लग जाये, संत कहते है ठीक है बेटा, एक दिन तू उसे मेरे पास लेकर आ जा ।
अगले दिन वो व्यक्ति अपने बेटे को लेकर संत के पास गया, अब संत जी उसके बेटे से कहते है की- बेटा, बोल नाथजी नाथजी 
वो कहता है की मैं क्यू कहूँ?
संत कहते है बेटा बोल-नाथजी नाथजी ।
वो इसी तरह से मना करता रहा और अंत में उसने कहा की मैं क्यू कहूँ नाथजी नाथजी ।

संत जी ने कहा- जब तुम मर जाओगे और यमराज के पास जाओगे तब यमराज तुमसे पूछगे की कभी भगवान का नाम लिया कोई अच्छा काम किया, तब तुम कह देना की मैंने जीवन में एक बार श्री नाथजी के नाम को बोला है, बस एक बार, इतना बताकर वह चले गए ।

समय व्यतीत हुआ और एक दिन वो मर गया, यमराज के पास पहुंचा, यमराज ने पूछा-कभी कोई अच्छा काम किया है, उसने कहा- हाँ महाराज, मैंने जीवन में सिर्फ एक बार नाथजी नाम को बोला है, आप उसकी महिमा बताइये ।

यमराज सोचने लगा की एक बार नाम की महिमा क्या होगी ? इसका तो मुझे भी नही पता है, यम बोले की चलो इंद्र के पास वो ही बतायेगे, तो वो व्यक्ति बोला मैं ऐसे नही जाऊंगा पहले पालकी लेकर आओ उसमे बैठ कर जाऊंगा ।
यमराज ने सोचा ये बड़ी मुसीबत है, फिर भी पालकी मंगवाई गई और उसे बिठाया, पालकी उठाने में 4 कहार लग गए, वो बोला यमराज जी सबसे आगे वाले कहार को हटा कर उसकी जगह आप लग जाइये, यमराज जी ने ऐसा ही किया ।

फिर सब मिलकर इंद्र के पास पहुंचे और बोले की एक बार श्री नाथजी के नाम लेने की महिमा क्या है ?
इंद्र बोले की महिमा तो बहुत है, पर क्या है ये मुझे भी नही मालूम, वो बोले की चलो ब्रह्मा जी को पता होगा वो ही बतायेगे, वो व्यक्ति बोला इंद्र जी ऐसा है दूसरे कहार को हटा कर आप यमराज जी के साथ मेरी पालकी उठाइये ।

अब एक ओर यमराज पालकी उठा रहे है, दूसरी तरफ इंद्र लगे हुए है, 
पहुंचे ब्रह्माजी के पास, ब्रह्मा ने सोचा की ऐसा कौन सा प्राणी ब्रह्मलोक में आ रहा है की स्वयं इंद्र और यमराज पालकी उठा कर ला रहे है,
ब्रह्मा के पास पहुंचे, सभी ने पूछा की एक बार नाथजी के नाम लेने की महिमा क्या है ?

ब्रह्मा जी बोले की महिमा तो बहुत है पर वास्तविकता में क्या है ये मुझे भी नही पता, लेकिन हाँ भगवान शिव जी को जरूर पता होगा,
वो व्यक्ति बोला की तीसरे कहार को हटाइये और उसकी जगह ब्रह्मा जी आप लग जाइये ।

अब क्या करते महिमा तो जाननी थी, पालकी की एक और यमराज है, एक और इंद्र और पीछे ब्रह्मा जी है,
सब मिलकर भगवान शिव के पास गए, और भगवान शिव से पूछा की नाथजी जी के नाम की महिमा क्या है? केवल एक बार नाम लेने की महिमा आप कृपा करके बताइये ।

भगवान शिव बोले की मुझे भी नही पता, लेकिन भगवान नाथजी जी को जरूर पता होगी,
वो व्यक्ति शिव से बोला की अब आप भी पालकी उठाने में लग जाइये, इस प्रकार ब्रह्मा, शिव , यमराज और इंद्र चारों उस व्यक्ति की पालकी उठाने में लग गए ।

श्री जलन्धरनाथपीठ सिरे मंदिर पहुंचे और नाथजी से पूछा की एक बार नाथजी के नाम लेने की महिमा क्या है ।
नाथजी जी बोले अरे ! जिसकी पालनी को स्वयं मृत्य का राजा यमराज, स्वर्ग का राजा इंद्र , ब्रह्म लोक के राजा ब्रह्मा और साक्षात भगवान शिव पालकी उठा रहे हो इससे बड़ी महिमा क्या होगी, जब आपने इसको पालकी में उठा ही लिया है, सिर्फ एक बार नाथजी के नाम लेने के कारण तो अब ये मेरी गोद में बैठने का अधिकारी हो गया है ।

प्रेम से कहिये- श्री नाथजी, नाथजी !!

भगवान श्री नाथजी महाराज ने स्वयं कहा है, की जब कोई व्यक्ति केवल मेरा ‘नाम बोलते है, तो मैं सब काम छोड़ कर खड़ा हो जाता हूँ और जैसे ही कोई ‘नाथजी’ शब्द का उच्चारण करता है, मैं उसकी और दौड़ लगा कर उसे अपनी गोद में भर लेता हूँ ।

नाथजी महाराज की महिमा अपरम्पार है, इसलिए हम सभी को नाथजी महाराज की तन मन धन से सेवा करनी चाहिए, रोजाना पूजा पाठ करनी चाहये, सुबह शाम नाथजी का सुमरण करना चाहिये, नाथजी महाराज की शरण में जाने से भवजल पार हो जाते है ।

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