🚩सिरे मंदिर‌ जालोर के सिरमौर पीरजी श्री1008श्री शांतिनाथ जी महाराज की कृपा दृष्टि हमेशा सब पर बनी रहे सा।🚩🌹जय श्री नाथजी महाराज री हुक्म🌹🚩🙏🙏">

तोता_नाथजी सुआ नाथजी महाराज

#तोता_नाथजी सुआ नाथजी महाराज

#श्री जलन्धरनाथजी पीठ सिरेमंदिर के प्रथम पीठाधीश श्री श्री 1008 श्री सुआनाथजी महाराज

#आप राताढूंढा ( जिला अजमेर राजस्थान  में राजा भर्तहरी ( विचारनाथजी ) प्रवतिर्त वैराग - पंथ का प्रमुख केंद्र के पिठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री मेघनाथ महाराज जी के शिष्य थे ।

#आपने अपने वैरागी जीवन की प्रारंभिक अवस्था में ब्यावर के निकट पीसांगन ( एक गांव  की पहाड़ियों में योग-साधना कर सिद्धि प्राप्त की , जहाँ आपकी धूणी विद्यमान है

#आपके पास हमेशा एक तोता रहता था , अतः आपका नाम #तोता_नाथजी अथवा सुआ नाथजी प्रसिद्ध हो गया ।
ओर आप इसी नाम से प्रसिद्ध हुए आप तीर्थाटन में ही अपना अधिकांश समय व्यतीत करते थे ।

जनश्रुति है कि आपने योग- साधना से 300 वर्ष की सुदीर्घ आयु पाई । 

जिस समय आप सर्वप्रथम इस स्थान पर पधारें , उस समय यहाँ रतनेश्वर महादेव तथा भंवर गुफा में श्रीजलन्धर नाथजी की छोटी सी पूजा थी 
आपने सन् 1825 में श्रीजलन्धरनाथ पीठ सिरेमंदिर में स्थाई निवास कर अपना धुणा रमाया ओर इस वैराग - पंथ की गादी स्थापित की ।

आपने श्री भवानी नाथजी महाराज को अपना शिष्य बनाया, आपकी समाधी सिरेमंदिर के प्रांगण में है ।
#संकलन :-
#श्री_शान्तिनाथजी_टाईगर_फोर्स_संगठन_भारत

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